हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 की मौत: शवों को देख हार्टअटैक से पुलिसकर्मी की मौत

Bhupendra Gupta
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डिजिटल डेस्क: Zeet Bharat Times
यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। इसमें 122 लोगों की मौत हो गई। 150 से अधिक घायल हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ।

हादसे के बाद हालात भयावह हैं। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में सिकंदराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल भेजा गया। CHC के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। Zeet Bharat Times ने डॉक्टरों से पूछा तो वह मौत का आंकड़ा नहीं बता पाए। इसके बाद zeet Bharat times के रिपोर्टर ने सिकंदराराऊ CHC के बाहर एक-एक लाश को गिना। यहां 95 लाशें जमीन पर पड़ी थीं।

एटा के CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया- हाथरस से अब तक 27 शव लाए गए। यानी, कुल 122 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। लाशों के बीच लोग अपनों की तलाश कर रहे हैं। बदइंतजामी इस कदर है कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं मिल रही है। जमीन पर लेटे घायल तड़प रहे हैं, लेकिन उनका इलाज करने वाला कोई नहीं था।
एटा में जब एक के बाद एक लाश पहुंची तो वहां मेडिकल कॉलेज में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। साथी उसे डॉक्टर के पास ले गए। वहां उसे मृत घोषित कर दिया। मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के हैं।

प्रशासन ने दी थी कार्यक्रम की अनुमति
CM योगी ने मुख्य सचिव मनोज सिंह और DGP प्रशांत कुमार को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया। 2 मंत्रियों को भी मौके पर भेजा गया है। घटना की जांच के लिए ADG आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम बनाई है। डीएम ने बताया कि एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी। सीएम योगी कल हाथरस जाएंगे।

हजारों की भीड़…लेकिन व्यवस्था नहीं
भोले बाबा का असली नाम नारायण हरि है। वह एटा के रहने वाले हैं। करीब 25 साल से नारायण हरि सत्संग कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी इनके अनुयायी हैं। मंगलवार को करीब 50 हजार लोग पहुंचे थे। व्यवस्था बिल्कुल नहीं थी, इस वजह से यह हादसा हुआ।

भगदड़ कैसे मची: हादसे की 3 वजह सामने आ रही है।
पहली- सत्संग खत्म होने के बाद अचानक से भीड़ बाहर निकलने लगी। भीड़ ज्यादा थी ऐसे में धक्का-मुक्की हुई। इससे भगदड़ मच गई। ज्यादातर मौत दम घुटने की वजह से हुई।

दूसरी- सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा का काफिला निकला। सुरक्षा गार्डों ने भीड़ को रोक दिया। काफिला निकलने के बाद भीड़ को अचानक से छोड़ दिया। इससे भगदड़ मच गई। तीसरा- बाबा के निकलने के बाद उनके चरणों की धूल लेने के लिए भगदड़ मची।

तीसरी- बाबा के निकलने के बाद उनके चरणों की धूल लेने के लिए भगदड़ मची।

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