रिपोर्ट- भूपेन्द्र गुप्ता
कटेरा (झांसी) मेला जलविहार महोत्सव चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में चौथी रात बुन्देली लोकनृत्य का रंगारंग कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कलाकारों द्वारा गाये लोकगीत की धूम पर उपस्थित जनसैलाब झूम उठा।
वीरांगना झलकारीबाई स्टेडियम में कार्यक्रम के मंच पर उदघाटन कर्ता पूर्व चेयरमैन महेश कटेरिया ने दीप प्रज्वलित व फीता काटकर बुन्देली लोकनृत्य कार्यक्रम का उद्घाटन किया। चेयरमैन धनीराम डबरया, ओमप्रकाश लिपिक, अंकित गुप्ता, कालका आर्य, लालाराम अहिरवार, कार्यक्रम संयोजक प्रताप सिंह चौहान व मिथलेश राजकुमार यादव ने अतिथियों का माल्यापर्ण स्वागत किया। कार्यक्रम संयोजक पार्षद प्रताप सिंह चौहान व मिथलेश राजकुमार यादव ने बैच लगाकर स्वागत किया। इस दौरान मेला महोत्सव में जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने कहा बुन्देली राई लोकनृत्य का साहित्य और गौरव है। उन्होंने कहा कि बुन्देली गायन से इस संस्कृति को आगे बड़ा रहे है।
कार्यक्रम का शुभारंभ रामाधीन आर्य ने भगवान गणेश और शारदे का आवाह्न करते हुए वन्दना में गाया करते है “सुमर गणेश शारदा माई री” “शारदा माई री” गीत से शुरुआत की और अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत गया। इसके बाद साथ ही कलाकार सतीश यादव ने एक से बढ़कर एक बुन्देली लोकगीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
